Question and Answer

Class 10 – क्षितिज : पाठ-8 : संस्कृति

By |2016-11-21T04:37:56+00:00July 12th, 2012|Question and Answer|

पाठ-8 संस्कृति प्रश्न 1: लेखक की दृष्टि मे ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है? उत्तर: लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक इसलिए नहीं बन पाई है क्योंकि इनके अर्थ बहुत विशाल है। सभी प्रकार के अर्थ इन शब्दों में सीमट जाते है। [...]

Class 10 – क्षितिज : पाठ-6 : स्त्री-शिक्षा के विराधी कुतर्कों का खंडन

By |2016-11-21T04:37:57+00:00July 12th, 2012|Question and Answer|

पाठ-6 स्त्री-शिक्षा के विराधी कुतर्कों का खंडन प्रश्न 1: कुछ पुरातन पंथी लोग स्त्रियों की शिक्षा के विरोधी थे। द्विवेदी जी ने क्या-क्या तर्क देकर स्त्री-शिक्षा का समर्थन किया? उत्तर: स्त्री शिक्षा के विरोधियों ने निम्न तर्क दिए - 1. इतिहास में स्त्री-शिक्षा की चाल नहीं थी - उनका कहना था कि इस देश में [...]

Class 10 – क्षितिज : पाठ-7 : नौबतखाने में इबादत – यतींद्र मिश्र

By |2016-11-21T04:37:57+00:00July 12th, 2012|Question and Answer|

पाठ-7 नौबतखाने में इबादत - यतींद्र मिश्र प्रश्न 1: बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है? उत्तर: बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक इसलिए कहा गया है क्योंकि वह शहनाई को बखूबी बजाना जानते थे। वह अपनी कला का सम्मान करते थे इसलिए भगवान ने भी उन्हें सुरों [...]

Class 10 – क्षितिज : पाठ-3 : लखनवी अंदाज

By |2016-11-21T04:37:57+00:00July 11th, 2012|Question and Answer|

पाठ-3 लखनवी अंदाज प्रश्न 1: लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए भी उत्सुक नहीं है? उत्तर: लेखक का नवाब साहब को देखने पर भी अनदेखा कर देने से यह महसूस हुआ कि वह उनसे बात चीत करने में उत्सुक नहीं है। क्योंकि नवाब साहब [...]

Class 10 – क्षितिज : पाठ-5 : एक कहानी यह भी

By |2016-11-21T04:37:57+00:00July 11th, 2012|Question and Answer|

पाठ-5 एक कहानी यह भी प्रश्न 1: लेखिका के व्यक्त्वि पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा? उत्तर: लेखिका के व्यक्तित्व पर उनके पिता जी और हिन्दी की प्राध्यापिका शीला अग्रवाल का प्रभाव पड़ा। वह भी अपने पिता की तरह कुछ विशिष्ठ करने में रूची रखती है, उनमें भी काफी क्रोध है और [...]

Class 10 – क्षितिज : पाठ-4 : मानवीय करूणा की दिव्य चमक

By |2016-11-21T04:37:57+00:00July 11th, 2012|Question and Answer|

पाठ-4 मानवीय करूणा की दिव्य चमक प्रश्न 1: फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी? उत्तर: देवदार का वृक्ष बहुत छतनार (छाया वाला) होता है। इसकी छाया शीतल और शांति देने वाली होती है। लेखक ने विषम परिस्थिति में कादर से सांत्वना पाई और उचित मार्गदर्शन प्राप्त किया। इसकी उन्होंने फादर को [...]

Class 10 – काव्य : पद – सूरदास

By |2016-11-21T04:37:57+00:00July 11th, 2012|Question and Answer|

पद -सूरदास (1) ऊधौ, तुम हौ.......................................................गुर चाँदी ज्यौं पागी।। भाव - इद पंक्तियों में गोपिकाएं उद्वव से कहती हैं कि तुम बहुत ही भाग्यशाली हो। व्यंग्य करती हैं तुम कृष्ण के पास रहकर भी उनके प्रेम और स्नेह से वंचित हो। तुम कमल के पत्ते के समान हो जो रहता तो जल के भीतर है [...]

Class 10 – काव्य : राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद -तुलसीदास

By |2016-11-21T04:37:58+00:00July 11th, 2012|Question and Answer|

राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद -तुलसीदास प्रश्न 1.: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? उत्तर: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए निम्न तर्क दिए - 1. उन्होने कहा कि बचपन में उन्होने काफ़ी धनुष तोड़े है तो अब वह क्रोधित [...]

Class 10 – काव्य : सवैया -देव

By |2016-11-21T04:37:58+00:00July 11th, 2012|Question and Answer|

सवैया -देव पाँयनि नूपुर मंजु........................................................................‘देव’ सहाई।। भाव-इन पंक्तियो में कवि ‘देव’ ने कृष्ण के आभूषणों का सौंदर्य प्रकट किया है। वह कहते है कि कृष्ण ने पैरो में नूपुर पहने है (घुंघरू) जो की मधुर और सुंदर रूप् से बज रहे हैं और उनकी कमर में करधनी की घुंघरू की ध्वनि मधुर बज रही है। [...]

Class 10 – काव्य : कवित्त -देव

By |2022-12-17T04:15:24+00:00July 11th, 2012|Question and Answer|

कवित्त -देव डार द्रुम पलना ...........................................................चटकारी दै।। भाव-इस कविता में कवि ‘देव’ ने वसंत ऋतु का परम्पराओं से हटकर चित्रण किया है। वसंत को राजा कामदेव के पुत्र के रूप में चित्रित किया गया है। कवि ने शिशु बसंत का बहुत ही मार्मिक और यथार्थ मानवीय करण करते हुए चित्रण किया है। शिशु बसंत [...]

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