Content

Give Your Feedback

By |2015-10-20T12:48:25+00:00October 19th, 2015|Content|

आस्था के रंग

By |2018-01-16T12:42:31+00:00April 30th, 2015|Hindi Blog & Stories|

बात उन दिनों की है जब मेरे पति अस्पताल में थे |बहुत बीमार थे | उन्हें हार्ट अटैक पड़ा था | ऑपरेशन के बाद आई .सी .यु में थे |डा. कुछ जवाब नही दे रहें थे |उनका एक ही जवाब होता ....अभी कुछ नही कह सकते |मैं अपने बेटों के साथ रात से आई सी [...]

हम अकेले नहीं

By |2018-01-16T12:53:18+00:00July 25th, 2014|Hindi Blog & Stories|

जब भी ये दिल उदास होता है ,जाने कौन आस पास होता है क्या आपको ऐसा नहीं लगता है जैसे ईश्वर परीछा ले रहा है हमारी हिम्मत की, हमारे धैर्य की, हमारे निर्णय लेने की, हमारे कार्य की!  विषम परिस्थतियों में हम आगे बढ़ जाते हैं, उसके ही सहारे. कभी लगता है ...वषों पूर्व चले [...]

दामिनी का बलिदान

By |2018-01-16T12:40:03+00:00December 29th, 2012|Hindi Blog & Stories|

दामिनी की दमक कभी व्यर्थ नहीं जाती | वह अपनी लपलपाती चमक से सबको चमत्कृत कर ही जाती है | कभी किसी इमारत पर गिरती है तो वह ध्वस्त हो जाती है ,कभी किसी हरे भरे वृक्ष पर गिरती है तो वह पल भर में समूल नष्ट हो जाता है | २३ वर्ष की दामिनी [...]

लोक गीत

By |2017-09-25T12:17:34+00:00May 31st, 2012|Hindi Blog & Stories|

लोक गीत क्रत्रिमता और आडम्बर से दूर जन -मानस के नैसर्गिक उद्गार ही लोक गीत हैं | लोक गीतों में प्राकृतिक संगीत का इतिहास व्याप्त रहता है | यह जीवंत काव्य है |शिक्षित तथा सभ्य मनुष्य की संगीतमयी और कलापूर्ण अभिव्यक्ति को कविता कहा जाता है |लोक गीत तो अशिक्षित जनता के भावुक तथा संवेदन [...]

महाभारत युद्ध के १८ दिन

By |2017-09-25T12:17:57+00:00May 31st, 2012|Hindi Blog & Stories|

महाभारत युद्ध के प्रथम दिवस -विराट पुत्र -उत्तर और श्वेत का वध हुआ था | प्रथम दिवस ध्रष्टद्युम्न ने क्रोचारुण व्यूह की रचना की थी | पहले ९ दिन कौरवो की सेना के सेना नायक पितामह भीष्म रहे | दूसरे दिन घमासान युद्ध हुआ |भीष्म के पराक्रम के सामने सभी नतमस्तक थे | तीसरे दिन [...]

इंतजार

By |2017-09-25T12:18:20+00:00January 6th, 2012|Hindi Blog & Stories|

उमंगें ,इच्छाएं ,जिज्ञासाएँ सिर उठाने लगी कल्पनाओं में विचरण ,मैं करने लगी | कामनाएँ यूँ बलवती होने लगी आकाश में बदली ज्यूँ  घिरने लगी | हाथ स्वत: ही खुलने लगे कुछ लेने को बाँहे तरसने लगी हर बच्चे का आनन मचलने लगा नया रूप रंग उसमें भरने लगी | हर रात सपने में कोई आने [...]

नव वर्ष पर

By |2017-09-25T12:18:31+00:00January 6th, 2012|Hindi Blog & Stories|

नव वर्ष पर सबको मेरी ढेरों शुभ कामनाएँ |आप सब कहेंगे इतनी देर में क्यों ? नव वर्ष के आगमन ने व्यस्त रखा . मेल -मिलाप ने मस्त रखा .आलस ने सुस्त रखा .....मुख्य कारण यही है ! सभी मित्रों को .अपनों को ,पराए को भी सबको हार्दिक बधाई | यह साल आप सबके लिए [...]

तराजू

By |2017-09-25T12:25:30+00:00December 18th, 2011|Hindi Blog & Stories|

तराजू --------- जब भी मैं तराजू की कांपती डंडी को कभी इधर तो कभी उधर झुक कर संतुलन बनाते देखती हूँ तो मुझे हर उस नारी की याद आ जाती है जो अपना सम्पूर्ण जीवन  संतुलन बनाने में लगा देता है |इस संतुलन को बनाए रखने में उसे क्या -क्या सहना पड़ता है ,क्या क्या [...]

Go to Top