१ देख लो साकेत नगरी है यही स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही

२ हनुमान की पूंछ में लग न पाई आग

लंका सारी जल गई गए निशाचर भाग

३ देखो नदिया पड़ी अपार घोड़ा कैसे उतरे पार राना ने सोचा इस पार तब तक चेतक था उस पार