दामिनी की दमक कभी व्यर्थ नहीं जाती | वह अपनी लपलपाती चमक से सबको चमत्कृत कर ही जाती है |
कभी किसी इमारत पर गिरती है तो वह ध्वस्त हो जाती है ,कभी किसी हरे भरे वृक्ष पर गिरती है तो वह पल भर में समूल नष्ट हो जाता है |
२३ वर्ष की दामिनी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा |उसने अपनी हिम्मत और जिजीविषा से डाक्टरों को भी हैरान कर दिया |
वह गई नहीं अमर हो गई |उसने मनुष्यों के भेष में घूमते दरिंदों को फांसी का रास्ता दिखाया है
औरतों को सही अर्थों में आजाद कराने का कार्य किया है |किसी भी कल्याणकारी कार्य की नीव बलिदानों पर ही टिकी होती है |
वह आज नीव का पत्थर बनी है | हो सकता, हो सकता है वह नीव के पत्थर की तरह दृष्टि से ओझल भी हो जाए लेकिन आजादी की [औरतो की ] इमारत ऐसी नीव पर खड़ी होगी ,यह कोई नही भूल सकता |चिंगारी ही दावानल पैदा करती है | यह चिंगारी अंगारा बन कर सब कुछ भस्म कर देगी |इससे बचने के उपाय करने आवश्यक है |अन्यथा अंजाम क्या होगा